सुनले बिनती मेरी शारदे मां
सुनले बिनती मेरी शारदे मां
मैं हूं तेरी शरण, मेरी मैया मुझे तार दे मां
तेरा गुणगान लिखता रहूं में
शब्द सागर है तू , मुझ्को शब्दों का भंडार दे मां
तेरे गीतों को गाता रहूं में
स्वर की देवी है तू, मेरी वाणी में झंकार दे मां
बीच मजधार है मेरी नैया
भक्त वत्सल है तू,अपनी भक्ति की पतवार दे मां
योगी तेरे दरस का भिखारी
तू है मैया मेरी, इस बेटे को दीदार दे मां
योगेन्द्र सिंह राजपूत “योगी”