“सुख”
“सुख”
बचपन में मिला करता था
मेरे साथ ही खेला करता था
जस-जस बड़ा होता गया
न जाने वो क्यों रूठता गया
अक्सर उसे मैं खोजता रहा
उसके बारे में सोचता रहा
फिर एक दिन आवाज आई
क्या मुझको ढूँढ़ रहा है भाई?
“सुख”
बचपन में मिला करता था
मेरे साथ ही खेला करता था
जस-जस बड़ा होता गया
न जाने वो क्यों रूठता गया
अक्सर उसे मैं खोजता रहा
उसके बारे में सोचता रहा
फिर एक दिन आवाज आई
क्या मुझको ढूँढ़ रहा है भाई?