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2 Mar 2023 · 1 min read

“सुख”

“सुख”
बचपन में मिला करता था
मेरे साथ ही खेला करता था
जस-जस बड़ा होता गया
न जाने वो क्यों रूठता गया
अक्सर उसे मैं खोजता रहा
उसके बारे में सोचता रहा
फिर एक दिन आवाज आई
क्या मुझको ढूँढ़ रहा है भाई?

19 Likes · 8 Comments · 680 Views
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