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30 May 2024 · 1 min read

सीमा पार

हद हो गई। इस वर्ष मई की झुलसा देने वाली गर्मी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। भारत के अनेक हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है। अमेरिकी लाभ निरपेक्ष संस्था ‘बर्कले अर्थ’ के समकों से ज्ञात हुआ है कि मई 2024 विश्व इतिहास में अब तक सर्वाधिक गर्म मई है।

धरती का इतना अधिक गर्म होना इंसान की करनी का फल है। इंसानी गतिविधियों ने ही जलवायु को इतना अधिक गर्म कर दिया है। पिछला दशक 125,000 वर्षों में सबसे गर्म दशक रहा है। पृथ्वी की गर्मी को सोखकर सारे समुद्र भी गर्म होकर उबल रहे हैं।

यह याद रहे किसी भी मामले में सीमा पार करना कदापि उचित नहीं। अब भी वक्त है कि हम सब कम से कम दो पेड़ लगाकर उसकी रक्षा करें। अनावश्यक आवागमन ना करें। कोरोना काल और उसमें हुए लॉक डाउन तो याद है ना?

सावधान ये प्रकृति है। अगर नहीं चेते तो वह भी किसी भी सीमा तक जा सकती है और कुछ भी कर सकती है।

धीरज जो खोता है,
अपनी नाव डुबोता है।
आम कहाँ से आएगा,
जब बबूल ही बोता है?

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में
शामिल रहे एक साधारण व्यक्ति।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 2 Comments · 109 Views
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