सीनें में अभी ये आग जलने दे
सीनें में अभी ये आग जलने दे
कबूल होगी दुआ तू आस पलनें दे
खूबसूरत सी चांदनी रात होगी
बस साझ ढ़लने दे
चांद के पार जानें की उड़ान होगी
मेरे कटे ये पंख सिलने दे
सारा आसमां होगा अपनी ज़द मे
इन पैरों को ज़मीन मिलने दे
मुकाम मिलने पर हम साथ रोयेंगे
अभी आंसुओ को आंखों में सम्हलने दे
वसीयत सा लिख रहा हूँ तेरे नाम जिन्दगी को
मेरी नीलामी थोड़ी देर और चलनें दे