Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

प्रवासी चाँद

, प्रवासी चाँद
—————

ना जाने कब मन मचलेगा ,
पूछ रहा कवि प्रेयसि से !
पूछ रहा है खुद से भी वह-
क्या बोलेगा प्रेयसि — से !!

मन में बहुत ज्वार उठते हैं –
किसे नकारे किसे दुलारे !
ज्वार कौन सा प्रेयसि तेरा –
पूछ रहा प्रिय प्रेयसि से !!

रात दिवस का भेद नदारद ,
दिन है या है रात सनम !
सोना है या अब जगना है –
पूछ रहा प्रिय प्रेयसि से !!

चाँद प्रवासी हुआ चकोरा,
चली चकोरी मिलने हेतु !
मिल पायेगी चकवी प्रिय से-
पूछ रहा प्रिय प्रेयसि से !!

मन में क्या है आज बता दो,
ढुल-मुल उत्तर मत देना !
प्राणों से भी क्या मँहगी है –
पूछ रहा प्रिय प्रेयसि से !!

सदा वक्त पर नहीं छोड़ते ,
जिन को चाहत होती है !
आओ मिलो वक्त,वो ही है-
सुझा रहा प्रिय प्रेयसि से !!
———————————–
मौलिक-चिंतन
स्वरूप दिनकर, आगरा

———————————–

58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
Living life now feels like an unjust crime, Sentenced to a world without you for all time.
Living life now feels like an unjust crime, Sentenced to a world without you for all time.
Manisha Manjari
जीवन में सफलता पाने के लिए तीन गुरु जरूरी हैं:
जीवन में सफलता पाने के लिए तीन गुरु जरूरी हैं:
Sidhartha Mishra
"तोता"
Dr. Kishan tandon kranti
अभी सत्य की खोज जारी है...
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
ओनिका सेतिया 'अनु '
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
DrLakshman Jha Parimal
फक़त हर पल दूसरों को ही,
फक़त हर पल दूसरों को ही,
Mr.Aksharjeet
दान
दान
Mamta Rani
सब ठीक है
सब ठीक है
पूर्वार्थ
बिटिया  घर  की  ससुराल  चली, मन  में सब संशय पाल रहे।
बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अब तो
अब तो "वायरस" के भी
*Author प्रणय प्रभात*
जो बनना चाहते हो
जो बनना चाहते हो
dks.lhp
वायदे के बाद भी
वायदे के बाद भी
Atul "Krishn"
हर गम छुपा लेते है।
हर गम छुपा लेते है।
Taj Mohammad
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
Rashmi Sanjay
जनक दुलारी
जनक दुलारी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
*घर आँगन सूना - सूना सा*
*घर आँगन सूना - सूना सा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3169.*पूर्णिका*
3169.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"आत्मकथा"
Rajesh vyas
इशारा दोस्ती का
इशारा दोस्ती का
Sandeep Pande
दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए।
दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
*मोती (बाल कविता)*
*मोती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हमें भी देख जिंदगी,पड़े हैं तेरी राहों में।
हमें भी देख जिंदगी,पड़े हैं तेरी राहों में।
Surinder blackpen
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
ख्वाबों में मेरे इस तरह न आया करो
Ram Krishan Rastogi
Loading...