सीधा समझदार सा लड़का ।
मैं सीधा समझदार सा लड़का हु ,
तुम अल्हड़ सी लड़की हो ।
तुम इश्क़ की बातें करती हो ,
भला क्यू इन चक्कर मे पड़ती हो ।
हो जाओगी तुम भी बेवफ़ा
ये सदियों की कहानी है ।
हमनें भी किया था इश्क़ कभी
अभी तक आंखों में पानी है ।
एक राय मशवरा लेते जाओ
ये जमाना बड़ा ख़राब है
आंखों से नशा कराती हो
सुनो ये भी यहा हराम है।
आज़ाद भी कर दो तुम
अपनी बाहों से बड़ी मेहरबानी है
जो लिपटे ही रहे हम अगर
तो उसी में मर जानी है ।
– हसीब अनवर