सीख गुलाब के फूल की
कांटे होते गुलाब में, तोड़ते है फिर भी उसे।
छोड़े खुशबू हाथ में, तोड़कर जो उसे फेंक दे।।
तू अपने जीवन पथ में, क्यों डरता है बाधाओं से ।
मूल है वो जीवन में, जिसका सामना तुझे करना हैं।।
अगर न होते कांटे गुलाब में, समझते क्या तुम अहमियत।
बिना मुश्किलों के जीवन में, हो जाते अगर तुम कामयाब।।
समझते क्या तुम अपने दंभ में, कामयाबी की है जो अहमियत।
रात-दिन और हार-जीत में, समझो होती बहुत बड़ी एक सीख हैं।।
गुलाब से फूल है तेरे जीवन में, समझ लेते हो तुम अगर इसे।
मुश्किलें आएं तेरे जीवन में, गुलाब के कांटों सी अलग करनी है।।