Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2021 · 1 min read

सियासत

सही को सही
गलत को गलत
गफलत पर संज्ञान
लेने वाले भले थोडे हैं,
हुकूमत के सुन बयान
कोरे है छीन लेते है
जो निवाले भूखे से
वे किसान मजदूर की,
क्या अहमियत समझेंगे.
बाँट सकते है जो दो धड़े,
वो राजधर्म क्या निभाएंगे.
शहादत के विरुद्ध गवाह.
खोजकर हत्या करते आये है.

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
वो अनजाना शहर
वो अनजाना शहर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
// सुविचार //
// सुविचार //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मेरे कान्हा
मेरे कान्हा
umesh mehra
तू बस झूम…
तू बस झूम…
Rekha Drolia
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
Swara Kumari arya
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
Rajesh Kumar Arjun
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
कहां जाके लुकाबों
कहां जाके लुकाबों
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
चन्द्रमाँ
चन्द्रमाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
" तितलियांँ"
Yogendra Chaturwedi
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला
Monika Arora
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
*छोड़कर जब माँ को जातीं, बेटियाँ ससुराल में ( हिंदी गजल/गीति
*छोड़कर जब माँ को जातीं, बेटियाँ ससुराल में ( हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
बिन बोले ही हो गई, मन  से  मन  की  बात ।
बिन बोले ही हो गई, मन से मन की बात ।
sushil sarna
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
शिव प्रताप लोधी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*भगत सिंह हूँ फैन  सदा तेरी शराफत का*
*भगत सिंह हूँ फैन सदा तेरी शराफत का*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#शेर
#शेर
*प्रणय प्रभात*
जय अयोध्या धाम की
जय अयोध्या धाम की
Arvind trivedi
पहले कविता जीती है
पहले कविता जीती है
Niki pushkar
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
गुमनाम 'बाबा'
"अंगूर"
Dr. Kishan tandon kranti
अभी सत्य की खोज जारी है...
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कलम के सिपाही
कलम के सिपाही
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...