Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

“सितम के आशियाने”

“सितम के आशियाने”
सितम के आशियाने हर बार रौशन,
हमेशा रहे सिर्फ गुनाहगार रौशन।

1 Like · 1 Comment · 35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
अभिमान  करे काया का , काया काँच समान।
अभिमान करे काया का , काया काँच समान।
Anil chobisa
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हमारे बुजुर्ग
हमारे बुजुर्ग
Indu Singh
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
Rj Anand Prajapati
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
पूर्वार्थ
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
शुक्रिया जिंदगी!
शुक्रिया जिंदगी!
Madhavi Srivastava
कभी ना अपने लिए जीया मैं…..
कभी ना अपने लिए जीया मैं…..
AVINASH (Avi...) MEHRA
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Tushar Jagawat
उजियारी ऋतुओं में भरती
उजियारी ऋतुओं में भरती
Rashmi Sanjay
2993.*पूर्णिका*
2993.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
Er.Navaneet R Shandily
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
ਪਰਦੇਸ
ਪਰਦੇਸ
Surinder blackpen
एक संदेश युवाओं के लिए
एक संदेश युवाओं के लिए
Sunil Maheshwari
Even if you stand
Even if you stand
Dhriti Mishra
उम्मीद -ए- दिल
उम्मीद -ए- दिल
Shyam Sundar Subramanian
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
Sonam Puneet Dubey
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
Sahityapedia
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
VINOD CHAUHAN
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
निराली है तेरी छवि हे कन्हाई
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
राम जपन क्यों छोड़ दिया
राम जपन क्यों छोड़ दिया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
manjula chauhan
कर रही हूँ इंतज़ार
कर रही हूँ इंतज़ार
Rashmi Ranjan
आदर्शों के द्वंद
आदर्शों के द्वंद
Kaushal Kishor Bhatt
ज़िन्दगी में
ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
आपसा हम जो
आपसा हम जो
Dr fauzia Naseem shad
भूमि भव्य यह भारत है!
भूमि भव्य यह भारत है!
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूर
Satish Srijan
Loading...