सिगरेट…
सिगरेट…
सिगरेट फूँकते ऊमर जल गयी
यह ज़हर की हवा।
कुछ हमारी सांसो में
कुछ हवा में मिल गयी,
ज़हर का यह टुकड़ा आखिरी है
ऊँगलीयों में मत छोड़ो।
कही इस ज़हर की आग
तुम्हारी ऊँगली को ना चुम ले।
©✍️ शशि धर कुमार
सिगरेट…
सिगरेट फूँकते ऊमर जल गयी
यह ज़हर की हवा।
कुछ हमारी सांसो में
कुछ हवा में मिल गयी,
ज़हर का यह टुकड़ा आखिरी है
ऊँगलीयों में मत छोड़ो।
कही इस ज़हर की आग
तुम्हारी ऊँगली को ना चुम ले।
©✍️ शशि धर कुमार