#सिंहानर अवतार
✍️
★ #सिंहानर अवतार ★
अँंखियाँ वणिक हाथ सहप्रेमपथिक
मिलन विरह मिलन की बातें करें
जन्मों के बाद मिला है
मिला है मानवजीवन की बातें करें
मेरी मसें पल-विपल तेरी नासिका नीचे
जब पहली बार रुकीं
वो मेरी माँ के रतजगों
तेरे पिता के हाथों की सूजन की बातें करें
चाँदी सोना महल दुमहले
नाम दाम सब यहीं रहेंगे
उड़े हवा के साथ जो लहरों के साथ बहे
अपने तन बदन मन की बातें करें
हमारी अपनी प्रीतपगी रातें
और वो दिन अपने
रेचक पूरक से बड़ा सदा-सदा
कुम्भक के बड़ेपन की बातें करें
उठते गिरते उठते तेरे उभार
और मेरे तन की क्षुधित ज्वाला
माँ भारती के कटे हाथ
अंग-अंग सुलग रही अगन की बातें करें
नयनों के तीर हिरदे प्रेमपीर
मीठी-मीठी सी चुभन की बातें करें
त्रिनेत्र त्रिशूलधारी राम धनुर्धारी
सुदर्शनचक्रधारी धर्म वरण की बातें करें
मेरा कहा मान मैं रहूँ भाग्यवान
या कि तेरी सुन लूँ
नराधमों का जीना ही एक जीना है
शेष समस्त विश्व के मरण की बातें करें
मणिकर्णिका के वार अजीत जुझार
ऊधम करतार के स्वअर्पण की बातें करें
वीर शिवा की चाल महाराणा का खिलता भाल
सावरकर सुभाष के बाँकपन की बातें करें
तू ही कह दे कि तेरा वंश मेरा अंश
धरा पर शेष रहे कि न रहे
आ, रक्तपिपासुओं के क्षरण की
स्वत्व में ईश्वरत्व के अवतरण की बातें करें . . . !
धर्मविछोह की टीस कब तक सहें
बहती धारा के विपरीत बहें
बातें बहुत-बहुत हो चुकीं
आ कि पग अब आगे धरें . . . !
आ कि पग अब आगे धरें . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२