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7 Jan 2021 · 1 min read

साहित्य में सौदेबाजी

इलेक्ट्रिक मीडिया के प्रभाव से
हिंदी साहित्य सृजन बढ़ा है
साहित्यकारों ने बना बना ग्रुप
फेसबुक व्हाटसप को भरा है
कुछ चलाते लाइक की शर्त
कुछ ने वोट आप्शन जोड़ा है
साहित्य प्रेमियों को रिझाने
ई प्रकाशन मुफ्त किया है
रंग बिरंगे प्रमाण पत्र हित
लिखते नवोदित साहित्यकार
कलम स्याही से दूर हो गये
कलमकार बने मोबाइलकार
साहित्य साधना की कठिनता
सरलता में बदल रही है
आपस में वोट लाइक की शर्त
सौदेबाजी सी चल रही है
तुम मेरी रचना लाइक करो
मैं तुम्हारी लाइक करूँगा
गुणवत्ता की नहीं पूछ परख
छपने से निश्चिंत रहूँगा
यदि फैल हुई सौदेबाजी
दूसरा ग्रुप ज्वाइन करूँगा
जो छापते पैसा ले लेकर
रचना अपनी छपवा लूँगा
आधुनिक युग का साहित्यकार
अधिक छपने से ही बनता है
गद्य पद्य दोनों रूपों को
कविता का दर्जा मिलता है
विधा के जानकार लुप्त हुए
जो हैं उन्हें कौन पूछता है
सरस्वती देवी सदा गंभीर
लक्ष्मी जी की मान्यता है ।

राजेश कौरव सुमित्र

Language: Hindi
4 Likes · 11 Comments · 355 Views
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