Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2021 · 2 min read

साल दो हज़ार बीस

आए तो तुम भी थे उसी तरह पहली बार,

जैसे कोई आता है लेकर नई उम्मीदें नई बहार।

होने भी लगा था कुछ – कुछ तुमसे लगाव,

और सजा लिए थे हमने कुछ मीठे-से ख़्वाब।

कोशिश तो तुमने भी की ही होगी भरपूर..

उन ख़्वाबों और सपनों को पूरा करने की।

पर जैसे हो जाया करते हैं कुछ लोग जिन्दगी में,

तुम भी शायद हुए होंगे… वैसे ही मजबूर।

नहीं संभाल पाते वो लोग दूसरों की उम्मीदों को,

नहीं होती उन्हें परवाह किसी के रोने की भी।

हाँ होते हैं वो लोग अनमने या मनमाने से,

रौंदकर किसी के अरमानों को आगे बढ़ जाते हैं,

और कितने ही दिल यूँ ही कुचल दिए जाते हैं।

उन्हीं की तरह तुमने भी तो जाने कितने लोगों के

छलनी किए हैं सपने और छीने हैं उनके अपने।

बेदर्दी से लगते हो दिखने में..

अरे दिल है कहाँ तुम्हारे सीने में।

फिर भी हमने समझा अपना.. जो मांगा वो ठाठ दिया,

आंखें बन्द कर बातें मानी, पूरा मान-सम्मान किया।

छोटी-सी इक गलती पर ही तुमने सब कुछ भुला दिया।

सांसें रोकने का भी तुमने पूरा इंतजाम किया।

पर अच्छा ही किया तुमने जो अच्छा नहीं किया,

सबक भी तो गजब का हमको तुमने सिखा दिया।

कभी भूल नहीं पाएंगे तुम्हारे इतने सितम,

फिर भी विदा के वक्त अब हो रहीं हैं आंखें नम।

चले जाते हैं सब छोड़कर जैसे अब तुम्हें भी जाना होगा,

हाँ जाओ..अब रुकना तुम्हारा मुनासिब भी न होगा।

पर तुम रखना याद.. कि रह जाएंगे कुछ..

ना मिटने वाले निशान, कुछ ज़ख्म जो हरे ही रहेंगे ताउम्र..

और रह जाएगी हमेशा के लिए एक टीस….

सुनो अपना ख्याल रखना…

तुम जा तो रहे हो दो हज़ार बीस (2020)!!

4 Likes · 18 Comments · 350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मंटू और चिड़ियाँ
मंटू और चिड़ियाँ
SHAMA PARVEEN
जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
Sarfaraz Ahmed Aasee
■ हंसी-ठट्ठे और घिसे-पिटे भाषणों से तो भला होगा नहीं।
■ हंसी-ठट्ठे और घिसे-पिटे भाषणों से तो भला होगा नहीं।
*Author प्रणय प्रभात*
*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
तुम कभी यह चिंता मत करना कि हमारा साथ यहाँ कौन देगा कौन नहीं
Dr. Man Mohan Krishna
फ़ब्तियां
फ़ब्तियां
Shivkumar Bilagrami
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
24/228. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/228. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दम है तो गलत का विरोध करो अंधभक्तो
दम है तो गलत का विरोध करो अंधभक्तो
शेखर सिंह
जन्म-जन्म का साथ.....
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जिंदगी भी एक लिखा पत्र हैं
जिंदगी भी एक लिखा पत्र हैं
Neeraj Agarwal
Ab kya bataye ishq ki kahaniya aur muhabbat ke afsaane
Ab kya bataye ishq ki kahaniya aur muhabbat ke afsaane
गुप्तरत्न
मैं भी तुम्हारी परवाह, अब क्यों करुँ
मैं भी तुम्हारी परवाह, अब क्यों करुँ
gurudeenverma198
स्वदेशी
स्वदेशी
विजय कुमार अग्रवाल
दो शे'र ( मतला और इक शे'र )
दो शे'र ( मतला और इक शे'र )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
आदत न डाल
आदत न डाल
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
Phool gufran
कुत्ते / MUSAFIR BAITHA
कुत्ते / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"ख़्वाहिशें"
Dr. Kishan tandon kranti
* वर्षा ऋतु *
* वर्षा ऋतु *
surenderpal vaidya
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
shabina. Naaz
कुण्डल / उड़ियाना छंद
कुण्डल / उड़ियाना छंद
Subhash Singhai
आहटें।
आहटें।
Manisha Manjari
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
DrLakshman Jha Parimal
बंदूक की गोली से,
बंदूक की गोली से,
नेताम आर सी
Loading...