Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2017 · 1 min read

*** सालियाँ और पहुना ***

सालियाँ और पहुना /
** दिनेश एल० “जैहिंद”

पहुना को करने को परेशान
सालियों ने किया खूब प्लान ।।
टूटी खाट पर बिछाके चादर
किया पहुना का खूब आदर ।।

जब गिरा पहुना ज़मीन पर
आई हंसी तब उनके मुँह पर ।।
हंसते-हंसते हुईं वे लोट-पोट
पूछा पहुना से आई क्या चोट ।।

पहुना ने अपनी लाज छुपायी
हँसके अपनी क़मर सहलायी ।।
सोचा कुछ फिर हुआ सावधान
ठानी उसने ना बनूँ मैं नादान ।।

अब सालियों ने अलग बिठाया
फिर नाश्ते में रसगुल्ला लाया ।।
देख रसगुल्ले पहुना ललचाया
उसके मुँह में पानी भर आया ।।

उसने झट एक रसगुल्ला दबाया
दाँतों के नीचे शक्त कंकड़ आया ।।
उसने बंदर जैसा तब मुँह बनाया
तब सालियों ने ठहाका लगाया ।।

उनको मज़ा फिर तो खूब आया
अबकी पहुना तो बड़ा शरमाया ।।
कहे “जैहिंद” रखो साली का मान
सालियाँ होतीं #पहुना की जान ।।

===============
दिनेश एल० “जैहिंद”
11. 05. 2017

Language: Hindi
420 Views

You may also like these posts

कुछ बातें किया करो
कुछ बातें किया करो
Surinder blackpen
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
*मृत्यु : पॉंच दोहे*
Ravi Prakash
जब सहने की लत लग जाए,
जब सहने की लत लग जाए,
शेखर सिंह
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"उडना सीखते ही घोंसला छोड़ देते हैं ll
पूर्वार्थ
आई सी यू
आई सी यू
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
“बसता प्रभु हृदय में , उसे बाहर क्यों ढूँढता है”
“बसता प्रभु हृदय में , उसे बाहर क्यों ढूँढता है”
Neeraj kumar Soni
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
Vishal Prajapati
महाकाव्य 'वीर-गाथा' का प्रथम खंड— 'पृष्ठभूमि'
महाकाव्य 'वीर-गाथा' का प्रथम खंड— 'पृष्ठभूमि'
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
"गार्ड साहब"
जगदीश शर्मा सहज
आसान नहीं
आसान नहीं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बहके जो कोई तो संभाल लेना
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शक
शक
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
जवानी के दिन
जवानी के दिन
Sandeep Pande
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
4171.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
Dr Archana Gupta
ನೀನೆಷ್ಟರ ಗಂಡಸು???
ನೀನೆಷ್ಟರ ಗಂಡಸು???
ಗೀಚಕಿ
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
जीवन का सार।
जीवन का सार।
Rj Anand Prajapati
अरमान ए दिल।
अरमान ए दिल।
Taj Mohammad
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
Manisha Manjari
दोहा सप्तक. . . . रिश्ते
दोहा सप्तक. . . . रिश्ते
sushil sarna
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
Rajendra Kushwaha
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय*
मैं उसका और बस वो मेरा था
मैं उसका और बस वो मेरा था
एकांत
आये हो तुम मेरे अंगना
आये हो तुम मेरे अंगना
Buddha Prakash
Loading...