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10 Oct 2024 · 1 min read

सार्थक जीवन – मंत्र

दिवास्वप्न तंन्द्रा तिमिर से
नवप्रकाश में पदार्पण किया ,

भ्रान्तियों के छद्मजाल से
अलग हो सत्य संज्ञान लिया ,

आधारहीन कुतर्क से
विलग हो प्रज्ञाशील तर्क मान्य किया ,

त्याग अहं, नवज्ञान स्पंदित
आत्म-बोध जागृत किया ,

काल्पनिक शिखर से अवरोहित हो
यथार्थ धरातल स्पर्श किया ,

स्वार्थ तुष्टि स्थान पर
आत्म – संतुष्टि को महत्व दिया ,

व्यर्थ सांसारिक प्रपंच परे ,
सार्थक जीवन – मंत्र आत्मसात किया ।

Language: Hindi
40 Views
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