सारे पुते सियार
किसे कहें अब चोर हम,किसे कहें गद्दार !
सारे हैं बहरूपिये, ……..सारे पुते सियार! !
जात-पात मे भेद कर, खुद को कहें शरीफ!
सुनकर ऐसी बात ही,…..होती है तकलीफ! !
रमेश शर्मा…
किसे कहें अब चोर हम,किसे कहें गद्दार !
सारे हैं बहरूपिये, ……..सारे पुते सियार! !
जात-पात मे भेद कर, खुद को कहें शरीफ!
सुनकर ऐसी बात ही,…..होती है तकलीफ! !
रमेश शर्मा…