Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2020 · 2 min read

सारी दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन

सारी दुनिया में कहीं नहीं है, मेरे जैसा वतन
अलग अलग बोली भाषाएं, फिर भी एक है मन ।सारी……
कई धर्म संप्रदाय यहां हैं, सबका एक जतन
मानव के कल्याण में , लगा हुआ जन जन ।सारी…….
सत्य शांति दया क्षमा, हर दिल में पाई जाती है
त्याग तपस्या बलिदानों की, गाथा गाई जाती है
प्रेम शांति सद्भाव यहां है, चारों ओर अमन ।सारी…….
यहां उर्वरा धरती है, भंडार अन्न के भरती है
सब ओर सघन वन शैल शिखर,
नदियां बहतीं निर्मल निर्झर
छह ऋतुओं से शोभित धरती,
गुलजार यहां है सारा चमन । सारी…..
हैं उत्सव धर्मी लोग यहां, हर हाल मैं मौज मनाते हैं
चाहे खुशी या गम हो, मिलकर सभी मनाते हैं
सामाजिक ताने-बाने से, जुड़ा हुआ जीवन । सारी…..
दर्शनीय मंदिर मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे
दर्शनीय सब किले महल, प्रकृति के अजब नजारे
बेजोड़ यहां है कला शिल्प,
जो मोह लिया करता है मन । सारी…….
सब धर्मों के तीर्थ यहां, अध्यात्म प्रेम की रीत यहां
ज्ञानी और विज्ञानी हैं, युग युग की कथा कहानी है
ईश्वर ने भी इस धरती पर, पाया है नर तन ।सारी……..
सामाजिक समरसता है, प्यार हर दिल में बसता है
अतिथि देवो भव का पालन करता है जन जन ।…..
यहां पक्के रिश्ते नाते हैं, मरते दम तक सभी निभाते हैं
गंगा जमुनी संस्कृति के, किस्से बहुत पुराने हैं
त्याग और बलिदान को सुनकर, भीग जाए अंतर्मन ।सारी.
कहीं न ऐंसी बादी है, न ऐंसी आजादी है
अनेकता में एकता का, ऐसा नहीं मिलन । सारी…..…
साहित्य कला संगीत नृत्य का है समृद्ध खजाना
प्राचीन काल से दुनिया ने, वैभव को इसके पहचाना
वेद और विज्ञान धरा पर, दुनिया में हमसे जाना
आयुर्वेद और योग शास्त्र से, स्वस्थ रहे सबका तन मन । सारी……
ज्ञान कर्म और दान धरम की, रीत है बड़ी अनूठी
प्राण जाए पर वचन ना जाए, प्रीत न अब तक टूटी
धर्म कर्म से चलता है, मेरे भारत का जन-जन ।…….
यहां लगते हर दम मेले हैं, लोग बड़े अलबेले हैं
कुंभ अनूठे होते हैं सब मिलकर निर्मल होते हैं
तीज त्योहार मनाते हैं हंसते नाचते गाते हैं
रंग बिरंगे परिधानों कोई न पाए गिन । सारी……
खाने पीने मैं षटरस हैं अनगिनत यहां व्यंजन हैं
हर अंचल का खाना पीना मोहित कर दे सबका मन । सारी……

Language: Hindi
13 Likes · 6 Comments · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहाॅ॑ है नूर
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
गुरु से बडा ना कोय🙏
गुरु से बडा ना कोय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"परचम"
Dr. Kishan tandon kranti
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
डॉक्टर रागिनी
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
VEDANTA PATEL
.......,,
.......,,
शेखर सिंह
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ज़रूरतों  के  हैं  बस तकाज़े,
ज़रूरतों के हैं बस तकाज़े,
Dr fauzia Naseem shad
कल गोदी में खेलती थी
कल गोदी में खेलती थी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
कृष्णकांत गुर्जर
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
Radheshyam Khatik
कर लो बचाव की तैयारी,
कर लो बचाव की तैयारी,
*प्रणय प्रभात*
उत्तम देह
उत्तम देह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रीति चुनरिया के बड़े,
प्रीति चुनरिया के बड़े,
sushil sarna
बादलों पर घर बनाया है किसी ने...
बादलों पर घर बनाया है किसी ने...
डॉ.सीमा अग्रवाल
3885.*पूर्णिका*
3885.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
अच्छे बच्चे तुम बन जाना
अच्छे बच्चे तुम बन जाना
अरशद रसूल बदायूंनी
गलियों का शोर
गलियों का शोर
PRADYUMNA AROTHIYA
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
आज के समाज का यही दस्तूर है,
आज के समाज का यही दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
Home Sweet Home!
Home Sweet Home!
R. H. SRIDEVI
प्रेम
प्रेम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*ऋषि (बाल कविता)*
*ऋषि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
So True...
So True...
पूर्वार्थ
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
किससे कहे दिल की बात को हम
किससे कहे दिल की बात को हम
gurudeenverma198
Loading...