Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2018 · 2 min read

साधु और तीन शिष्य

एक बार एक साधु अपने तीन शिष्यो के साथ कहीं जा रहे थे। उन शिष्यो के नाम मधुर, कवीर और बबलू थे। मधुर मीठा बोलता था, इसलिए सब लोग उसे पसंद करते थे। कवीर और बबलू की आवाज में मिठास नही थी, इसलिए उनका दुसरो से झगड़ा भी हो जाता था। रात का समय था। तेज सर्दी पड़ रही थी। सर्दी के कारण उन सब का बुरा हाल था, कुछ दूर आगे चलने पर उन्हें एक झोपड़ी दिखाई दी। वे बहुत खुश हुए। साधु ने कवीर और बबलू को झोपड़ी से लकड़ी लेने के लिए भेजा। गुरु के कहते ही वे दोनो चल दिए। वे झोपड़ी के पास गए और उन्हें झोपड़ी के अंदर एक बुढि औरत दिखी। वे दोनो बोले , बुढ़िया हमें लकड़ियाँ दे दे लेकिन बुढ़ि औरत ने उनकी तरफ नही देखा। वो दोनो कुछ देर वहां खड़े रहे लेकिन बुढ़ि औरत ने कोई जबाव नही दिया। तब वो दोनो वापस अपने गुरु के पास आ गए और उन्हें पूरी बात बताई। गुरु जी जान गए कि ऐसा क्यों हुआ, पर उन्होंने कुछ नही कहा।
अब उन्होंने लकड़ी लेने के लिए मधुर को भेजा । मधुर गया और उस बुढि औरत से बोला– “दादी जी, प्रणाम।”
बुढि औरत ने उसकी और गर्दन घुमाई और बोली — ” जीते रहो, बेटा।”
मधुर ने कहा — ” दादी जी, थोडी सी लकड़ियां चाहिए। मेरे साथ मेरे मेरे गुरु जी और गुरुभाई भी हैं। हम लोगों को बहुत तेज सर्दी लग रही हैं। ”
वह औरत ख़ुशी खुशी बोली ” हां बेटा, लकड़ियाँ ले जाओ। अगर जरुरत पड़े, तो और ले जाना।”
मधुर लकड़ियां लेकर वहां पहुंचा , तो कवीर और बबलू उसे हैरानी से देखने लगे। उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि बुढियां ने मधुर को लकड़ियाँ दे दी।
गुरु जी बोले — ” कवीर और बबलू , अब तुम्हारी समझ में बात आई ? मीठी बोली से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। अगर तुम उस बुढि औरत से मीठा बोलते, तो वह तुम्हे लकड़ियाँ जरूर दे देती। आगे से इस बात का ध्यान रखना।”
कवीर और बबलू बोले अब हम हमेशा मीठा ही बोलेगे।

Language: Hindi
699 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo
पूर्वार्थ
Science teacher's Umbrella
Science teacher's Umbrella
Mr. Bindesh Jha
मैं बेवजह ही मायूस रहता हूँ अपने मुकद्दर से
मैं बेवजह ही मायूस रहता हूँ अपने मुकद्दर से
VINOD CHAUHAN
शीर्षक – कुछ भी
शीर्षक – कुछ भी
Sonam Puneet Dubey
I love to vanish like that shooting star.
I love to vanish like that shooting star.
Manisha Manjari
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
Devesh Bharadwaj
बधाई हो बधाई, नये साल की बधाई
बधाई हो बधाई, नये साल की बधाई
gurudeenverma198
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे  दिया......
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
Rakesh Singh
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
#चलते_चलते
#चलते_चलते
*प्रणय*
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पागल प्रेम
पागल प्रेम
भरत कुमार सोलंकी
" रास्ता उजालों का "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
"पूनम का चांद"
Ekta chitrangini
श्री श्याम भजन
श्री श्याम भजन
Khaimsingh Saini
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
Dr Archana Gupta
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
Nazir Nazar
3815.💐 *पूर्णिका* 💐
3815.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
" सीमाएँ "
Dr. Kishan tandon kranti
वादी ए भोपाल हूं
वादी ए भोपाल हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
Indu Singh
मौसम
मौसम
surenderpal vaidya
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
Loading...