Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

वादी ए भोपाल हूं

बादी ए भोपाल हूं, मैं बादी ए भोपाल हूं
भोर हूं स्वप्निल सुनहरी, और सजीली शाम हूं
बादी ए भोपाल हूं, मैं वादी ए भोपाल हूं
शैल शिखरों से घिरी, और झीलों से भरी
भोज की हूं अर्चना, नवाबों की अजान हूं
बादी ए भोपाल हूं, मैं बादी ए भोपाल हूं
मंदिरों का हूं शिखर, मस्जिदे मीनार हूं
देश दुनिया के अमन की, मैं दुआ भोपाल हूं
बादी ए भोपाल हूं, मैं वादी ए भोपाल हूं
राजसी रंगत हूं मैं, और नवाबी शान हूं
कौमी एतिहाद में, दिल ए हिंदुस्तान हूं
वादी ए भोपाल हूं, मैं वादी ए भोपाल हूं
हर एक दिल का गीत हूं, मीत का संगीत हूं
मैं बाग ए बहार हूं, जवां दिलों का प्यार हूं
झूमती झीलों का मैं, शान ए संसार हूं
बादी ए भोपाल हूं, मैं वादी ए भोपाल हूं
मैं शिल्प का खजाना, साहित्य की मिसाल हूं
बादी ए भोपाल हूं, मैं बादी ए भोपाल हूं

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
1 Like · 24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ভালো উপদেশ
ভালো উপদেশ
Arghyadeep Chakraborty
कहते  हैं  रहती  नहीं, उम्र  ढले  पहचान ।
कहते हैं रहती नहीं, उम्र ढले पहचान ।
sushil sarna
कविता
कविता
Shiva Awasthi
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
Chunnu Lal Gupta
मैं तो महज एक माँ हूँ
मैं तो महज एक माँ हूँ
VINOD CHAUHAN
जो चीजे शांत होती हैं
जो चीजे शांत होती हैं
ruby kumari
मां का घर
मां का घर
नूरफातिमा खातून नूरी
* संसार में *
* संसार में *
surenderpal vaidya
"चलना सीखो"
Dr. Kishan tandon kranti
जिनकी खातिर ठगा और को,
जिनकी खातिर ठगा और को,
डॉ.सीमा अग्रवाल
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
तुम बहुत प्यारे हो
तुम बहुत प्यारे हो
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
3020.*पूर्णिका*
3020.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रेस का घोड़ा
रेस का घोड़ा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
Anil Mishra Prahari
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
Paras Nath Jha
कमरछठ, हलषष्ठी
कमरछठ, हलषष्ठी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
माता रानी दर्श का
माता रानी दर्श का
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
सौरभ पाण्डेय
विश्वास
विश्वास
विजय कुमार अग्रवाल
अल्फ़ाजी
अल्फ़ाजी
Mahender Singh
*लाल हैं कुछ हरी, सावनी चूड़ियॉं (हिंदी गजल)*
*लाल हैं कुछ हरी, सावनी चूड़ियॉं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
दिल के सभी
दिल के सभी
Dr fauzia Naseem shad
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
Arvind trivedi
Loading...