Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2022 · 2 min read

*साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत – शत प्रणाम*

साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत – शत प्रणाम
■■■■■■■■■■■■■■
साधु-तुल्य निर्भय सरन गुप्ता जी महामारी के इस काल में संसार छोड़कर चले गए । सदैव सक्रिय और कर्मठ रहने वाले ,प्रतिदिन अपनी दुकान (भारती पुस्तक सदन ,मिस्टन गंज) पर मुस्कुराते हुए कार्य में लगे रहकर कर्मशील रहना जिनका स्वभाव बन गया था, आत्मीय भाव से सबको बाहों में भर कर प्रेम लुटाना जिनकी प्रवृत्ति थी ,चेहरे की गंभीरता के भीतर जो मधुर-राग का स्वर गूंजता था ,वह अब कभी सुनाई नहीं देगा।
पीपल टोला स्थित श्री हरि शिशु निकेतन तथा गाँधी समाधि रोड पर स्थित श्री हरि इंटर कॉलेज समाज के प्रति आपकी सेवाओं का जीता जागता स्मारक है। तन-मन-धन से इन संस्थाओं के उन्नयन के लिए आपने अपने आप को समर्पित किया हुआ था । श्री हरि इंटर कॉलेज आज जिन ऊँचाइयों का स्पर्श कर रहा है ,उसका बहुत बड़ा श्रेय श्री निर्भय सरन जी को ही जाता है। किताबों के निजी व्यवसाय में लगे रहते हुए समाज के लिए कुछ सोचते रहना तथा चिंतन को कर्म की ओर अग्रसर करते हुए एक सुंदर आकार दे देना ,यह श्री निर्भय जी के जीवन से बखूबी सीखा जा सकता है । व्यवसाय में जहां एक ओर आपने सफलता का नया मापदंड स्थापित किया, वहीं दूसरी ओर अपनी साधुता का प्रमाण निजी व्यवहार तथा क्रियाकलापों से प्रकट किया। शायद ही कोई व्यक्ति हो जो आप के संपर्क में आया हो तथा आपकी गंभीर प्रवृत्ति, चिंतनपूर्ण मनन शैली तथा विषय पर गंभीरता से दो टूक तथा सारगर्भित टिप्पणी करने की शैली से प्रभावित न हुआ हो। किसी भी विषय पर जब आप से चर्चा की जाती थी ,तब आप अत्यंत स्पष्ट रूप से अपनी राय प्रकट करते थे । ऐसा व्यक्त करने वाले लोग कम ही होते हैं ।
हमारा सौभाग्य रहा कि हमने आपको अपने जिस कार्यक्रम के लिए भी आमंत्रित किया ,आप कृपा करके उसमें उपस्थित हुए। अनेक बार श्रोताओं के रूप में तथा कुछ अवसरों पर मंच को सुशोभित करते हुए भी आपने अपनी आत्मीयता प्रकट की । अनेक बार पुरस्कार-वितरण आपके कर कमलों द्वारा होते देखकर हमें बहुत प्रसन्नता का अनुभव होता था । कुल मिलाकर आपका न रहना एक अत्यंत आत्मीय व्यक्ति तथा गहरे शुभचिंतक से वंचित हो जाना कहा जा सकता है । ऐसी क्षति कभी पूरी नहीं होती। दुखी हृदय से आपको अंतिम प्रणाम ।।
■■■■■■■■■■■■■■■■■
रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

543 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
भेदभाव का कोढ़
भेदभाव का कोढ़
RAMESH SHARMA
सुनो, मैं जा रही हूं
सुनो, मैं जा रही हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
इंतज़ार की मियाद क्यों नहीं होती
इंतज़ार की मियाद क्यों नहीं होती
Chitra Bisht
*Beauty*
*Beauty*
Veneeta Narula
बताओ प्रेम करोगे या ...?
बताओ प्रेम करोगे या ...?
Priya Maithil
अथ ज्ञान सागर
अथ ज्ञान सागर
भूरचन्द जयपाल
बहुत बरस गुज़रने के बाद
बहुत बरस गुज़रने के बाद
शिव प्रताप लोधी
इश्क़ किया नहीं जाता
इश्क़ किया नहीं जाता
Surinder blackpen
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
VINOD CHAUHAN
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
TAMANNA BILASPURI
🌸🌼जो न सोचा वो हूँ मैं🍀🍀
🌸🌼जो न सोचा वो हूँ मैं🍀🍀
Dr. Vaishali Verma
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
अंसार एटवी
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
रुपेश कुमार
"" *एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य* "" ( *वसुधैव कुटुंबकम्* )
सुनीलानंद महंत
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Dil ki uljhan
Dil ki uljhan
anurag Azamgarh
स्वयं की खोज कैसे करें
स्वयं की खोज कैसे करें
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
था उसे प्यार हमसे
था उसे प्यार हमसे
Swami Ganganiya
सतगुरु सत्संग
सतगुरु सत्संग
Dr. P.C. Bisen
तेवरी तथाकथित सौन्दर्य की पक्षधर नहीं +विजयपाल सिंह
तेवरी तथाकथित सौन्दर्य की पक्षधर नहीं +विजयपाल सिंह
कवि रमेशराज
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को♥️🚩🙏
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को♥️🚩🙏
Journalist Prashant Rastogi
चार दिशाएँ
चार दिशाएँ
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी कैमेरा बन गयी है ,
जिंदगी कैमेरा बन गयी है ,
Manisha Wandhare
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
छत्रपति वीर शिवाजी।
छत्रपति वीर शिवाजी।
Sonit Parjapati
Loading...