#ग़ज़ल-41
मीटर-212 212 212 212
साथ तेरा मिले जीत लूँ हर ख़ुशी
है तुझी से हँसी ज़िंदगी तर ख़ुशी/1
राह में फूल हों साथ तू जो चले
रास आए तुझे प्यार की गर ख़ुशी/2
चाँदनी रात-सी बात तेरी लगें
यार आए जहाँ हों उसी दर ख़ुशी/3
देखके मैं तुझे भूलता यार ग़म
फूल से चेहरे में छिपी पर ख़ुशी/4
भूल से ही सही यार कह तू ज़रा
पल उसी में मिले ज़िंदगी भर ख़ुशी/5
प्रीत प्रीतम करे हीर-राँझे लगी
जो सुने बस मिले याद कर नर ख़ुशी/6
आर.एस. “प्रीतम”