“साड़ी”
“साड़ी”
साड़ी.. साड़ी.. साड़ी
वो महज पहनावा नहीं,
सभ्यता की आत्मा है
वो कोई दिखावा नहीं।
उसमें छुपे हुए कई जज़्बात
देश की शान हैं,
सदियों की विरासतन यादें
एक सांस्कृतिक पहचान हैं।
“साड़ी”
साड़ी.. साड़ी.. साड़ी
वो महज पहनावा नहीं,
सभ्यता की आत्मा है
वो कोई दिखावा नहीं।
उसमें छुपे हुए कई जज़्बात
देश की शान हैं,
सदियों की विरासतन यादें
एक सांस्कृतिक पहचान हैं।