साजन तेरे इश्क़ की खुमारी
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साजन तेरे इश्क़ की खुमारी।
अब नहीं उतरेगी उम्र सारी।
कुछ कहे अनकहे अल्फाजों से,
जिंदगी सँवरने लगी हमारी।
बिना तुम्हारे कभी आती नहीं ,
अब ये नींदें भी हुई तुम्हारी।
गुजरते नहीं वक्त बिन तुम्हारे ,
गिन-गिन कर तारे रात गुजारी।
अर्पित है तुम पर निर्मल तन मन,
जन्मों-जनम से तेरी पुजारी।
छुपा कर नजर में रख लो साजन ,
मैं हूँ लक्ष्मी,सुन्दर,संस्कारी।
? ? ? -लक्ष्मी सिंह ? ☺