Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2022 · 1 min read

सांप और इंसान

साँप और इंसान

साँपों की बस्ती में देखा, नाग विषैले भाग रहे।
घुस आया इंसान एक, सब डर के मारे जाग रहे ।।

डरता ना इंसान, साँप अब इंसानों से डरता है।
काटे चाहे कोई किसी को, किन्तु साँप ही मरता है।।

चाहे विष हो या कालापन, या हो टेढ़ी-मेढ़ी चाल ।
इंसानों से जीत न पाते, साँपों को बस यही मलाल ।।

विष को खाना विष को पीना, और विषवमन करते जीना ।
छोड़ दिया है साँपों ने अब, इंसानी फितरत से जीना ।।

लिए साँप के फन हाथों में, फिरते हैं ये लोग महान ।
इस डर से ये साँप मर रहे, कहीं काट ना ले इंसान ।।

साँप सपेरा जादू टोना, ये सब बात पुरानी है।
अब इंसानों की फितरत से, साँपों में हैरानी है ।।

साँप काटते नहीं जभी तक पड़े पूँछ पर पाँव नहीं ।
कौन कहाँ कब कैसे काटे, इंसानों का ठाँव नहीं ।।

प्रकाश चंद्र रस्तोगी, लखनऊ
(M) : 8115979002

Language: Hindi
1 Like · 393 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Prakash Chandra
View all
You may also like:
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
*Author प्रणय प्रभात*
ठंड
ठंड
Ranjeet kumar patre
राही
राही
RAKESH RAKESH
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
Madhuyanka Raj
होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
gurudeenverma198
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
Acharya Rama Nand Mandal
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
..........अकेला ही.......
..........अकेला ही.......
Naushaba Suriya
जिंदगी का मुसाफ़िर
जिंदगी का मुसाफ़िर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रेम【लघुकथा】*
प्रेम【लघुकथा】*
Ravi Prakash
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पिता
पिता
Swami Ganganiya
बसंत का आगम क्या कहिए...
बसंत का आगम क्या कहिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
अंग अंग में मारे रमाय गयो
अंग अंग में मारे रमाय गयो
Sonu sugandh
जिंदगी बस एक सोच है।
जिंदगी बस एक सोच है।
Neeraj Agarwal
विश्वास
विश्वास
Bodhisatva kastooriya
मेरी जान ही मेरी जान ले रही है
मेरी जान ही मेरी जान ले रही है
Hitanshu singh
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
कवि दीपक बवेजा
"दोस्ती का मतलब"
Radhakishan R. Mundhra
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
फादर्स डे
फादर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...