Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2024 · 1 min read

सांत्वना

” सान्त्वना

रास्ता हमारी सतारा के आवाजाही पर आकर
खालसा हमारी आरजू पर टिककर वो सामना कर परे हो गयी ।
. खामोशी खालसा की खास बनाकर
खरीद फरोश पर सान्तवना परे हो गयी l
रास लीला रास्ता पाल को राजी कराकर
अपनी आय पर उसकी सादगी हो गयी ।
खासम-खास वासी वो आज बताकर
खरास निकाळकर वो अदाएगी हो गयी !
आक्रोशी आकाश की आश बताकर
आवारगी उनकी उत्तेजना की सांत्वना हो गयी ll
चप्पल चम्पा का चदर पर
चाहत की चासनी को चुसकर चला गया ।.
चाकरी चवन्नी की चदर पर,
रख उसकी चाहत को चुककर चला गया ।
आगोश में आवेशित होकर रास बनाकर,
आवारगी उनकी उत्तेजना की सांत्वना हो गयी ll
लिखी खरीद-फरोश पर, बयान-बाजी अभी अधुरी हो गयी। खामोशी देख आक्रोशित मन पर कोलाहल का संग्राम हावि हो गया।
आक्रोश देख मन में उसके
बेकरारी तड़पकर परिणत की सान्तवना हो गयी !
अन्धो में राजा काणा दाव दिखाकर
चुप्पी साधने को मजबुर कर गया ।
कन्धो पर अर्थी अपनी आज थमाकर,
किसी ओर को निशाना साधने पर मजबुर कर गया ।

Language: Hindi
100 Views

You may also like these posts

प्रेम और युवा
प्रेम और युवा
पूर्वार्थ
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
ख्वाबों में
ख्वाबों में
Minal Aggarwal
? ,,,,,,,,?
? ,,,,,,,,?
शेखर सिंह
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते  रंग ।
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग ।
sushil sarna
अगर तुम कहो
अगर तुम कहो
Akash Agam
"" *जीवन आसान नहीं* ""
सुनीलानंद महंत
ज़ेहन हमारा तो आज भी लहूलुहान है
ज़ेहन हमारा तो आज भी लहूलुहान है
Atul "Krishn"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
Arvind trivedi
"टूट कर बिखर जाउंगी"
रीतू सिंह
नादान
नादान
Shutisha Rajput
हृदय की बेचैनी
हृदय की बेचैनी
Anamika Tiwari 'annpurna '
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
"इस रोड के जैसे ही _
Rajesh vyas
*खड़ा द्वार पर प्यार*
*खड़ा द्वार पर प्यार*
Rambali Mishra
■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊
■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊
*प्रणय*
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
Keshav kishor Kumar
प्यार है ये भैया-भाभी का ।
प्यार है ये भैया-भाभी का ।
Buddha Prakash
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
3639.💐 *पूर्णिका* 💐
3639.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सत्य की विजय हुई,
सत्य की विजय हुई,
Sonam Puneet Dubey
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
प्रेम
प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
मुँह में राम बगल में छुरी।
मुँह में राम बगल में छुरी।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
दकियानूसी छोड़ मन,
दकियानूसी छोड़ मन,
RAMESH SHARMA
आदमी
आदमी
अखिलेश 'अखिल'
Loading...