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18 Mar 2018 · 1 min read

सहारा पा लिया हमने

सहारा पा लिया हमने

जो तेरी आरजू थी तो किनारा पा लिया हमने

बिना मांगे ही जो तेरा सहारा पा लिया हमने

मिरे गुरवर की ऐसी कृपा मिली ये जो मुझको है

कि अपनी हैसियत से भी जियादा पा लिया हमने

दरख्तों ने कहा इक दिन मिला क्या काट के मुझको

रहो अब बिन हवा के तुम की बदला पा लिया हमने

किताबों में यही अक्सर पढ़ा है इश्क़ की मंजिल

अगर मिल जाये तो बस ठिकाना पा लिया हमने

झुकी नजरें उठी महफ़िल में यूँ उस रोज जो उनकी

मुहब्बत का उसी पल ही इशारा पा लिया हमने

आरती लोहानी

कुराली,मोहाली

3 Likes · 2 Comments · 313 Views
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