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20 Sep 2023 · 1 min read

तबीयत मचल गई

तुम्हें देखने भर से तबीयत मचल गई।
नकाब ज़रा सरकी तो इस निकल गई।

आंखें खुदा ने दी हैं तुम्हे,जैसे कयामत,
ऐ खुदा ख्वाब भी इनके,रखना सलामत।

रूखसार चूमती जुल्फें ,जब जब लहराए
चार सू फिर मानों, सावन की घटा‌ छा‌ए।

पांव में पायल ,जब करती‌ है अठखेलियां
मानों पूछ रही‌ है मुझसे,नयी सी पहेलियां।

क़त्ल करने को खुदा ने,इतना दिया है सामां
अब आप ही बताएं,आखिर क्या करें इंसां।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 121 Views
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