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15 Jun 2023 · 1 min read

नए पुराने रूटीन के याचक

नए साल के पहले दिन
लोगों का नया रूटीन है
धर्मस्थलों पर जुटे हैं वे
अपने कर्तव्य अकर्तव्य अपने आराध्यों को सौंपकर
अगले तीन सौ पैंसठ दिन के
कील कांटे अपने स्वार्थों के दुरुस्त करने को

भिखारी भी जुटे हैं बदस्तूर
धर्मस्थल से अपने लिए
निषेधित दूरी की तय हद में रहकर
हर दिन की तरह
धर्मभीरुओं से धर्मजूठन पाने को

भिखारियों को मालूम है
इन देवताओं की हकीकत
पुजारियों की तरह

वे इस खास मौके पर
अपनी पेट पूजा को
बहुत ज्यादा ही उन्मत्त भीड़ के हिसाबी दानशीलता से
पाने की आज उम्मीद में हैं
पर हैं ये भिक्षुक अपने स्वाभाविक रूटीन पर ही।

Language: Hindi
1 Like · 243 Views
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