Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2023 · 1 min read

सहर सुहानी चांदिनी दर पर आई

सहर सुहानी चांदिनी दर पर आई
**************************
सहर सुहानी चांदनी दर पर आई,
गजल पुरानी रागिनी दर पर आई।

कहर हुस्न की साधना है मन डोळे,
महक सुगंधी मोहिनी दर पर आई।

नहर निकलती आँसुओं की देखो,
अबोध भोली रोहिणी दर पर आई।

झुकी हुई है डालियां फुल फूलों से,
सजी सजाई कामिनी दर पर आई।

जहर नशीला घोलती मनसीरत वो,
जबर विषैली नागिनी दर पर आई।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
VEDANTA PATEL
दिल की दुनिया सबसे अलग है
दिल की दुनिया सबसे अलग है
gurudeenverma198
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
🍁
🍁
Amulyaa Ratan
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
sushil sarna
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"मुफलिसी"
Dr. Kishan tandon kranti
जब मुकद्दर को आज़माएंगे ,
जब मुकद्दर को आज़माएंगे ,
Dr fauzia Naseem shad
*आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)*
*आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माँ अपने बेटे से कहती है :-
माँ अपने बेटे से कहती है :-
Neeraj Mishra " नीर "
Love Letter
Love Letter
Vedha Singh
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
3717.💐 *पूर्णिका* 💐
3717.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
Sanjay ' शून्य'
अधूरी ख्वाहिशें
अधूरी ख्वाहिशें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
Otteri Selvakumar
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
वो ज़िद्दी था बहुत,
वो ज़िद्दी था बहुत,
पूर्वार्थ
श्राद्ध पक्ष में दुर्लभ कागों को समर्पित एक देसी ग़ज़ल:-
श्राद्ध पक्ष में दुर्लभ कागों को समर्पित एक देसी ग़ज़ल:-
*प्रणय*
तुम जलधर मैं मीन...
तुम जलधर मैं मीन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुझे ना पसंद है*
मुझे ना पसंद है*
Madhu Shah
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
कवि दीपक बवेजा
मत रो मां
मत रो मां
Shekhar Chandra Mitra
गौर किया जब तक
गौर किया जब तक
Koमल कुmari
Loading...