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30 Sep 2024 · 1 min read

सवाल यह है

सवाल यह नहीं है कि,
इस देश में कितने अनपढ़ है,
सवाल यह है कि,
इस देश में कितने सुगड़ है।

शैक्षिक उन्नयन में यह तो खास है,
इस देश में ज्ञान- विज्ञान की प्रगति हुई है,
विदेशों में भारत की ख्याति फैली है,
लेकिन आत्मज्ञान की कमी भी उतनी ही हुई है।

इस कलयुग में इंसान कलपुर्जा हुआ है,
हाथों का स्थान कल- कारखानों ने लिया है,
स्थिति यह हुई कि बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ गया,
और मशीनों ने आदमी को पेंशन दे दी।

अणु- परमाणु शस्त्रों ने तो,
इंसान के दिलो-दिमाग को,
इस रफ्तार से बदल दिया है कि,
उसकी दौड़ की कोई सीमा नहीं,
कोई विराम नहीं, कोई मंजिल नहीं।

इंसान अब अंतरिक्ष में बसना चाहता है,
ऐसे में इस धरती पर,
रहने की बात कौन सोचता है,
सवाल यह है।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
11 Views
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