सर्द चांदनी रात
इस सर्द चांदनी रात में
कोई नहीं है मेरे पास में ।
जिसको मैं कुछ भी कह सकूं
अपने मन की हर बात कह सकूं ।
बता सकूं जिसे कि मैं सोचता बहुत हूं
बता सकूं जिसे कि मैं बोलता बहुत हूं।
बता सकूं जिसे अपनी सारी कहानियां
बता सकूं जिसे अपनी सारी परेशानियां।
पर सच तो यह है कि
इस सर्द चांदनी रात में
कोई नहीं है मेरे पास में ।
– श्रीयांश गुप्ता