चाॅंदी के जूते को प्रणाम
चाॅंदी के जूते को प्रणाम
चाॅंदी का जूता चार धाम
चमड़े के जूते से बढ़कर
चाॅंदी का जूता करे काम
*
जब अस्पताल में चलता है
अच्छा इलाज तब मिलता है
लेने वाला, देने वाला
दोनों का काम निकलता है
सुविधा पाता नवजात चाम
चाॅंदी के जूते को प्रणाम …..
*
जब बैंकों में चल जाता है
लम्बा कर्जा मिल जाता है
कर्जा ले करके कर्जदार
सकुशल विदेश भग जाता है
बन जाता लन्दन में मुकाम
चाॅंदी के जूते को प्रणाम …..
*
चाॅंदी के जूते के बल पर
लेखक- साहित्यकार बनकर
दुनिया को दीप्ति दिखा सकते
पी सकते कीर्ति सुधा छककर
अर्जित कर सकते हैं सुनाम
चाॅंदी के जूते को प्रणाम …..
*
हर कार्यालय, न्यायालय में
मंत्रालय में, सचिवालय में
चाॅंदी का जूता चलता है
गिरजाघर में, देवालय में
मदिरालय में हो मुखर जाम
चाॅंदी के जूते को प्रणाम …..
*
चाॅंदी का जूता बिकता है
चाॅंदी का जूता छपता है
चाॅंदी के जूते का प्रभाव
अब हर चैनल पर दिखता है
रंगीन बनाता सुबह – शाम
चाॅंदी के जूते को प्रणाम ……
*
कमसिन काया की करवट तक
मनचलियों के घूॅंघट पट तक
चाॅंदी का जूता चलता है
पनघट से लेकर मरघट तक
सच को न सताता शीत-घाम
चाॅंदी के जूते को प्रणाम …… ।
*
महेश चन्द्र त्रिपाठी