Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

समर्पित भाव

हुआ समर्पित तुमको ऐसे,
जैसे प्रभु की शरण मिली।
तुम फिर भी यह कह देती हो,
तुमने मुझको फसा दिया।।

मेरे दिल से पूछो प्रियतमे,
तुमको कितना स्नेह किया हैं।
तेरा दुख तुझे पहले,
मुझसे आकर मिलता हैं।।

मुझसे मिलकर कहता हैं,
क्या मैं तुमसे मिलाऊ?
मेरा प्रेम देखकर वह भी,
फिर यूँ ही मुड़कर जाता हैं।।

कहता हैं फिर मुझसे वो,
तुम इतना प्रेम क्यों करते हो?
तेरा प्रेम देखकर मैं भी,
करने से कुछ डरता हूँ।।

तुम फिर भी यह कह देती हो,
तुमने मुझको फसा दिया।
मैं तो तेरा दर्श दीवाना,
तुमने मुझको बना दिया।।

यहाँ तो तुमको मैं मिल पाया,
वहाँ ना तुमको मैं मिल पाता।
मेरा जीवन फिर यूँ ही बस,
दुखी दुखी ही रह जाता।।

बोलो मुझको दुखी देखकर,
खुशी अनुभूति तुम कर पाती।
मेरा स्नेह बिन पाए तुम,
सुखी कहीं भी रह पाती।।

मैं तो तुझमे खुशी ढूंढता,
बस स्वार्थ मेरा इतना हैं।
तेरी खुशी का माध्यम बनना,
बस मेरा जीवन इतना हैं।।

तुम फिर भी यह कह देती हो,
तुमने मुझको फसा दिया…

ललकार भारद्वाज

4 Likes · 4 Comments · 97 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ललकार भारद्वाज
View all
You may also like:
"बच्चे तो"
Dr. Kishan tandon kranti
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आ ख़्वाब बन के आजा
आ ख़्वाब बन के आजा
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
Neelofar Khan
काबिल बने जो गाँव में
काबिल बने जो गाँव में
VINOD CHAUHAN
मां का महत्त्व
मां का महत्त्व
Mangilal 713
रज के हमको रुलाया
रज के हमको रुलाया
Neelam Sharma
If you don’t give your mind a problem to solve, it will crea
If you don’t give your mind a problem to solve, it will crea
पूर्वार्थ
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
ruby kumari
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को समर्पित
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जिंदगी एक सफर सुहाना है
जिंदगी एक सफर सुहाना है
Suryakant Dwivedi
🙅पता चल गया?🙅
🙅पता चल गया?🙅
*प्रणय प्रभात*
उलझन !!
उलझन !!
Niharika Verma
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
ओसमणी साहू 'ओश'
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
सियासत
सियासत
हिमांशु Kulshrestha
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
सुन लिया करो दिल की आवाज को,
Manisha Wandhare
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
दर्पण
दर्पण
Kanchan verma
सब्र करते करते
सब्र करते करते
Surinder blackpen
हमारे बुजुर्ग
हमारे बुजुर्ग
Indu Singh
नया साल
नया साल
विजय कुमार अग्रवाल
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
विभाजन की विभीषिका
विभाजन की विभीषिका
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं सरिता अभिलाषी
मैं सरिता अभिलाषी
Pratibha Pandey
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
"वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों
Sakshi Singh
Loading...