समय – समय की बात है
समय – समय की बात है।
कभी मैं उनसे कभी वो मुझसे रूठ जाते हैं,
वर्षों तक चलने वाले नाते यूँ एक पल में टूट जाते हैं,
कभी उनसे मिलने को बेचैन होते थे,
आज उनके बिना गुज़र रही ये रात है,
समय – समय की बात है।
कभी जिनसे इक पल भी ना दूर होते थे,
कभी जिनके लिए एकांत में रोते थे,
आज उनके बिना ही अच्छी लगती बरसात है,
समय – समय की बात है।
कभी जो फूटे आँख भी न सुहाते थे,
दुश्मनी इस कदर की आँखों में चुभते काँटे थे,
आज वही दे रहे साथ हैं,
समय – समय की बात है।।
© बदनाम बनारसी