Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2017 · 1 min read

** समय – बड़ा मूल्यवान **

समय-बड़ा मूल्यवान
// दिनेश एल० “जैहिंद”

समय बड़ा होता है मूल्यवान ।
इसके होते हैं थोड़े कद्रदान ।।
जिसने समय की कीमत जानी ।
उससे ही तो सबने हार मानी ।।

समय कभी भी रुकता नहीं है ।
इसका लय कभी टूटता नहीं है ।।
चलते रहना ही इसने है ठाना ।
आगे बढ़ते रहना इसने जाना ।।

हे मानव समय से लो कुछ सीख ।
अपनी किस्मत तो खुद लो लिख ।।
होगी सदा तब तुम्हारी ही जीत ।
वरना ये समय तो जाएगा बीत ।।

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
25. 09. 2017

Language: Hindi
480 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इस मुद्दे पर ना खुलवाओ मुंह मेरा
इस मुद्दे पर ना खुलवाओ मुंह मेरा
कवि दीपक बवेजा
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
ruby kumari
शब्द शब्द उपकार तेरा ,शब्द बिना सब सून
शब्द शब्द उपकार तेरा ,शब्द बिना सब सून
Namrata Sona
सब पर सब भारी ✍️
सब पर सब भारी ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
देव दीपावली
देव दीपावली
Vedha Singh
'प्रहरी' बढ़ता  दंभ  है, जितना  बढ़ता  नोट
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट
Anil Mishra Prahari
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
वृक्ष धरा की धरोहर है
वृक्ष धरा की धरोहर है
Neeraj Agarwal
साहित्य सृजन .....
साहित्य सृजन .....
Awadhesh Kumar Singh
आईना भी तो सच
आईना भी तो सच
Dr fauzia Naseem shad
ऑनलाईन शॉपिंग।
ऑनलाईन शॉपिंग।
लक्ष्मी सिंह
💐प्रेम कौतुक-354💐
💐प्रेम कौतुक-354💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
अभी और कभी
अभी और कभी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
■ बेहद शर्मनाक...!!
■ बेहद शर्मनाक...!!
*Author प्रणय प्रभात*
नारी
नारी
नन्दलाल सुथार "राही"
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
VINOD CHAUHAN
"परिवार एक सुखद यात्रा"
Ekta chitrangini
विद्याधन
विद्याधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
Paras Nath Jha
हिंदी शायरी संग्रह
हिंदी शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
2861.*पूर्णिका*
2861.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सावन
सावन
Ambika Garg *लाड़ो*
2
2
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बदल गए तुम
बदल गए तुम
Kumar Anu Ojha
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?।
शयनकक्ष श्री हरि चले, कौन सँभाले भार ?।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...