Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2022 · 1 min read

समय की पहचान ….

मैं समय हूँ , मेरी पहचान करो,
मेरा नमन करो,मेरा सम्मान करो,
मै किसी एक का नहीं होता
बदल जाने के लिये बदनाम हूँ,
वफादार के लिये वफादार हूँ,
गद्दार के लिये गद्दार हूँ,
हां मैं समय हूँ बडा बलवान हूँ,
मैं समय हूँ मेरा नमन करो…….

मैं वफा और बेवफा भी हूँ,
मेरे साथ चलो जीवन का आधार हूँ,
मेरा उपयोग करो या दुरुपयोग करो,
मैं हर कहानी का किरदार हूँ,
बिगाड़ने वाले का बिगाड हूँ,
सुधारने वाले का सुधरा हूँ
हां मैं समय हूँ,मै भगवान हूँ,
मैं समय हूँ मेरा नमन करो………

कभी सुबह कभी संध्या हूँ,
कभी हंसी तो, कभी गम का मेला हूँ,
कभी मिलता तो कभी बिछडता बंदा हूँ,
कभी बरसता सावन तो कभी दुखी परिंदा हूँ,
हां मैं समय हूँ,बडा धनवान हूँ,
मैं समय हूँ मेरा नमन करो ……….

मेरी जिसको पहचान है,
बस व्यक्ति वही महान है,
जीवन सुखमय उसी का है,
जिसके हाथ मेरी कमान है,
हां मैं समय हूँ,शक्तिमान हूँ,
मैं समय हूँ मेरा नमन करो…….

मैं आज हूँ , मैं कल हूँ ,
मेरा स्वभाव बहता पानी है,
मेरा जीवन मेरी कहानी है,
मैं रुकता नहीं मेरी यही निशानी है,
हां मैं समय हूँ,मैं स्वाभिमान हूँ,
मैं समय हूँ मेरा नमन करो………

अजीत ~
कानपुरिया

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 337 Views

You may also like these posts

नागिन
नागिन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कविता: सजना है साजन के लिए
कविता: सजना है साजन के लिए
Rajesh Kumar Arjun
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
#दोहे (व्यंग्य वाण)
#दोहे (व्यंग्य वाण)
Rajesh Kumar Kaurav
रोशन सारा शहर देखा
रोशन सारा शहर देखा
डॉ. दीपक बवेजा
"समन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
4517.*पूर्णिका*
4517.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शेष न बचा
शेष न बचा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
■ सुबह की सलाह।
■ सुबह की सलाह।
*प्रणय*
मात गे हे डोकरा...
मात गे हे डोकरा...
TAMANNA BILASPURI
बेहद खुशनुमा और हसीन से हो गए हैं ये दिन।
बेहद खुशनुमा और हसीन से हो गए हैं ये दिन।
RJ Anand Prajapatit
नवम पहचान, कमल पर बैठी माता ।
नवम पहचान, कमल पर बैठी माता ।
RAMESH SHARMA
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
राधा अष्टमी पर कविता
राधा अष्टमी पर कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
सारा आकाश तुम्हारा है
सारा आकाश तुम्हारा है
Shekhar Chandra Mitra
#कथावार्ता
#कथावार्ता
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
“सुकून”
“सुकून”
Neeraj kumar Soni
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
Mohan Pandey
मेरा आसमां 🥰
मेरा आसमां 🥰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुविधा
दुविधा
उमा झा
People often dwindle in a doubtful question,
People often dwindle in a doubtful question,
Chaahat
अनाथों की आवश्यकताएं
अनाथों की आवश्यकताएं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
कल है हमारा
कल है हमारा
singh kunwar sarvendra vikram
प्रेम परस्पर करें हम सभी
प्रेम परस्पर करें हम सभी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
Pankaj Kushwaha
समर्पण*
समर्पण*
Jyoti Roshni
नाग पंचमी आज
नाग पंचमी आज
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अनपढ़ सी
अनपढ़ सी
SHAMA PARVEEN
दौर अच्छा आयेगा
दौर अच्छा आयेगा
Sonu sugandh
Loading...