Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

दौर अच्छा आयेगा

वक्त गुजर जायेगा
देखना एक दिन सब सही हो जायेगा
हालातों से लड़
हिम्मत को मत तोड़
उम्मीदों की मन में
एक से एक कडी़ को जोड़
अच्छें वक्त का दौर गया तो
बुरें का भी चला जायेगा
देखना एक दिन सब सही हो जायेगा
मंजिल को सब मुकाम मिलेगा
ख्वाहिशों को अंजाम मिलेगा।
रातों की जो नींदे जागी है
अब हर रात को आराम मिलेगा
नया सवेरा होगा अब
बिती काली रातों के बाद
खुशी के लम्हें पायेगा
सुनहरी यादों के साथ
देखना एक दिन सब सही हो जायेगा
बुरे वक्त का दौर भी गुजर जायेगा।

Language: Hindi
24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonu sugandh
View all
You may also like:
पथ पर आगे
पथ पर आगे
surenderpal vaidya
"उतना ही दिख"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
gurudeenverma198
डाइन
डाइन
अवध किशोर 'अवधू'
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मालपुआ
मालपुआ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
दोहा- सरस्वती
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गोलगप्पा/पानीपूरी
गोलगप्पा/पानीपूरी
लक्ष्मी सिंह
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
पूर्वार्थ
पिता
पिता
Raju Gajbhiye
" सौग़ात " - गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
भर गया होगा
भर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
ज्ञान के दाता तुम्हीं , तुमसे बुद्धि - विवेक ।
ज्ञान के दाता तुम्हीं , तुमसे बुद्धि - विवेक ।
Neelam Sharma
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
बिल्ली
बिल्ली
SHAMA PARVEEN
कैसी है ये जिंदगी
कैसी है ये जिंदगी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
■ कहानी घर-घर की।
■ कहानी घर-घर की।
*Author प्रणय प्रभात*
उगते विचार.........
उगते विचार.........
विमला महरिया मौज
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
सिद्धार्थ गोरखपुरी
समझदार बेवकूफ़
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
वो सब खुश नसीब है
वो सब खुश नसीब है
शिव प्रताप लोधी
Loading...