समय की चाल
समय की चाल में
बच्चे हमसे आगे निकल गए
हम पीछे रह गए,
प्रगतिशील युग में हम अपनी सोच,
कल्पना शक्ति में जीते रह गए
वक्त के आगे हम
आंखें भींचे रह गए
दिलों में जगह तो बहुत है
लेकिन खाली गलीचे रह गए
नफरत, झूठ, दुश्मनी, बुजदिली
आगे बढ़ गए
संवेदना, संस्कार,
संबंध, सौहार्द नीचे रह गए।