समझ
कुछ लोग कही बात समझ नहीं पाते हैं ,
कुछ समझ कर भी अनजान से बने रहते हैं ,
कुछ अपने आप को दूसरों से समझदार समझते हैं,
कुछ अपनी समझ दूसरों पर हावी करते हैं ,
कुछ अपनी नासमझी का दोष दूसरों को देते हैं ,
कुछ दूसरों में गलतियां निकालना अपनी समझदारी मानते हैं ,
कुछ अपनों को ज़िंदगी भर समझ ना पाते हैं ,
कुछ गैरों को अपना समझ हमेशा धोखा खाते हैं ,
कुछ अपनी नासमझी की बहुत बड़ी कीमत चुकाते हैं ,
कुछ अपनी नासमझी से दूसरों के नुकसान का कारण बनते हैं ,
कुछ अपनी नासमझी से लोगों में मनमुटाव पैदा कर देते हैं ,
कुछ बिना किसी आग्रह अपनी समझदारी लोगों में बघारने लगते हैं ,
कुछ अनायास अपनी समझदारी प्रकट कर स्वयं के अपमान का कारण बनते हैं ,
कुछ अपनी समझ को हमेशा संदेहास्पद घेरे में रखते हैं ,
कुछ अपनी समझ का दृष्टिकोण हमेशा नकारात्मक रखते हैं ,
कुछ अपनी समझ को भीड़ की समझ से प्रभावित रखते हैं , कुछ अपनी समझदारी से अपने प्रति धारणा का निर्माण
करते हैं ,
कुछ अपनी समझदारी से अपनी परिष्कृत प्रज्ञा शक्ति का विकास करते हैं ,