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9 Apr 2024 · 1 min read

“समझ का फेर”

“समझ का फेर”
कोई हालात को नहीं समझते,
कोई जज्बात को नहीं समझते।
पढ़ लेते हैं कोई कोरा कागज,
कोई किताब को नहीं समझते।

3 Likes · 3 Comments · 140 Views
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