समझौता
जब भी तुम मुझे
मैं तुम्हें देखती हूं
एकटक
बहुत से भाव
आंखों में आकर
गायब हो जाते हैं
समझना तुम भी
नहीं चाहते
समझाना मैं भी
नहीं चाहती
फिर भी
परिस्थितियों से
संघर्ष की जगह
समझौता ही करना होगा
मेरी बातों को तुम्हें
आज नहीं तो कल
समझना होगा।