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7 Dec 2020 · 1 min read

समझने लगे हैं हम!

अब जा के ज़िन्दगी को समझने लगे हैं हम!
जब पेचोख़म में इस के उलझने लगे हैं हम!

पहले ख़ुशी ही रास थी अब हूँ ग़मों से ख़ुश!
उनका ख्याल है कि अब बदलने लगे हैं हम!

एहसास मेरा आज भी ज़िन्दा है ज़रा देखो!
तुम धूप में जले जब तो पिघलने लगे हैं हम!

दुनिया के साथ चलके भटकते थे रात-दिन!
राहे-वफा पे चलके अब सँभलने लगे हैं हम!

तुम आकर मुझ को ज़रा फिर से समेट लो!
यूँ तिनका-तिनका देख बिखरने लगे हैं हम!
#LafzDilse By Anoop Sonsi

3 Likes · 2 Comments · 243 Views
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