*सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)*
सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)
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सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम
1)
जहॉं विराजे रामलला हैं, मंद-मंद मुस्काते
बाल-रूप में शोभित जिनको, देख तृप्त हो जाते
करते मंगल और अमंगल, हरते तुम्हें प्रणाम
2)
जन्मभूमि है जगह अलौकिक, लगते निशि-दिन मेले
दशरथ का यह ऑंगन जिसमें, रामलला थे खेले
मनु-शतरूपा के वर से ही, कौशल्या के राम
3)
सदियों से प्यासे हृदयों की, तुम ही प्यास बुझाते
सरयू की पावन सरिता में, नहा-नहा तर जाते
कण-कण भव्य मनोरम जिसका, पुण्य प्रदाता काम
सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451