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26 Aug 2021 · 1 min read

सब कुछ नया है

सब कुछ नया है

बदल गया सब कुछ आज अचानक देखते-देखते खिल गया फूल जिंदगी की

कहानी का लगने लगा जैसे आज सब कुछ नया है

यकीन नहीं हो रहा मेरी इन आंखों को दौड़ पड़ा यह पल जैसे सब कुछ नया है

कल तक जहां पर पसरा था सन्नाटा उजियारी है चमक रही वहां

देख रहे हैं सारे नजारे कितने प्यारे आज सब कुछ नया है

बदला जैसे ही ख्याल मेरे भीतर ,कौंध रहा था अँधियारा जाने कब से

छोड़ कर उस अंधियारे को यह उजियारा पुकारता है कि सब कुछ नया है

भर लो तुम भी अपने अंदर उस विश्वास को, जगा लो उस शक्ति ,उस जोत

उस एहसास को ,पुकार रही उस उमंग उस उल्लास को जो कह रही है

आज सब कुछ नया है ||

‘ कविता चौहान’

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 247 Views
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