सब कुछ खत्म नहीं होता
सब कुछ खत्म नहीं होता
चंद ख्वाब छिटक जाने से
कुछ खिलौने छर जाने से
रूठ किसी के घर जाने से
सब कुछ खत्म नहीं होता
पुष्प किसी मुरझाने से
माली के तोड़े जाने से
भंवरों के उड़ जाने से
उपवन निशक्त नहीं होता
सब कुछ खत्म नहीं होता
चंद ख्वाब छिटक जाने से
कुछ खिलौने छर जाने से
रूठ किसी के घर जाने से
सब कुछ खत्म नहीं होता
पुष्प किसी मुरझाने से
माली के तोड़े जाने से
भंवरों के उड़ जाने से
उपवन निशक्त नहीं होता