सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
जीत हो फिर भी न रुकना
हार में थककर न झुकना,
बढ़ सदा चाहे गिरो सौ- बार
सब्र की मत छोड़ना पतवार ।
राह बिखरे शूल तो क्या
स्वप्न सारे धूल तो क्या
हौसले से अग्निपथ कर पार
सब्र की मत छोड़ना पतवार ।
वक्त कितना भी कठिन हो
भाग्य की रेखा मलिन हो,
कर रगों में शौर्य-बल संचार
सब्र की मत छोड़ना पतवार ।
लक्ष्य कोसों दूर लगता
विघ्न मद में चूर लगता,
साँस का जो टूटता हो तार
सब्र की मत छोड़ना पतवार ।
अनिल मिश्र प्रहरी ।