*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)
1)
घर में मिलता ताजा भोजन, जिसको वह खुशहाल है
सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है
2)
प्रभु ने स्वर्ण भरी लंका को, तृण जैसा ठुकराया
जन्मभूमि जननी का ऊॅंचा, इस गाथा से भाल है
3)
लक्ष्य अभी भी शेष रह गया, ईश्वर के पाने का
जन्मदिवस का मतलब यह है, घटा एक फिर साल है
4)
जब आएगा यम तब केवल, पुण्य गिने जाऍंगे
जोड़ रहा तू अरे बावले, फिर क्यों नश्वर माल है
5)
सींचोगे यदि जड़ें वृक्ष की, हरा-भरा दीखेगा
शुभचिंतक हैं आप अटपटे, चमकाई बस डाल है
6)
सच पूछो तो बस जटायु ने, धर्मयुद्ध छेड़ा था
लड़ा दशानन से तब भी जब, उसे पता था काल है
7)
मदद कर रहा है जो उसकी, मंशा को पहचानो
लालच बुरी बला है अक्सर, कर देती बेहाल है
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451