हमसफ़र
रास्ते भले ही हो जुदा जुदा से,
मंजिल तो एक है।।
कभी हस्ते हुए, तो कभी मुर्झाए से चेहरे लिए,
तय करना है ये हमें, जो यह सफर है।
कभी कांटो से भरा, तो कभी फूलों से सजा,
एक अनजान राह पर, हमें है ले चला,
कहते है जिसे, सब सफ़र ए फल सफां।।
रास्ते भले ही हो जुदा जुदा से,
मंजिल तो एक है।।
कभी हस्ते हुए, तो कभी मुर्झाए से चेहरे लिए,
तय करना है ये हमें, जो यह सफर है।
कभी कांटो से भरा, तो कभी फूलों से सजा,
एक अनजान राह पर, हमें है ले चला,
कहते है जिसे, सब सफ़र ए फल सफां।।