“सपनों का संसार”
“सपनों का संसार”
सपने में देखा मैंने
आम को अमरूद बनते,
अमरूदों को देखा फिर
सेब का रूप बदलते।
ऊँट को मिमियाते देखा
बिल्ली को बांग लगाते,
नेवला नौ दो ग्यारह हो गया
साँप को देखा जब बीन बजाते।
“सपनों का संसार”
सपने में देखा मैंने
आम को अमरूद बनते,
अमरूदों को देखा फिर
सेब का रूप बदलते।
ऊँट को मिमियाते देखा
बिल्ली को बांग लगाते,
नेवला नौ दो ग्यारह हो गया
साँप को देखा जब बीन बजाते।