सत्य और सत्ता
राजनीति के खेल में क्या है सत्य का काम।
सत्य के नाम पर करते हैं झूँट को सारे आम।।
झूँट को सारे आम सत्य किसी से क्यों नहीं पचता।
राजनीति के खेल में सत्य कभी भी क्यों नहीं दिखता।।
कहे विजय बिजनौरी सत्ता में सत्य जो फैलाता है।
हार कर मुँह छुपा कर खेल से बाहर वो हो जाता है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।